ग

ग(PALMISTRY ENCYCLOPEDIA संतोष हस्तरेखा विश्वकोष)
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
गुणातीतं निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]
गौंण रेखाएँ :: (1). स्वास्थ्य या बुद्ध रेखा, (2). मणिबन्ध, (3). वलय :- (3.1). शुक्र वल्य, (3.2). सूर्य वलय, (3.3). शनि वलय और (3.4). वृहस्पति वलय-सोलोमोन रिंग और (3.5). बुद्ध वलय, (4). प्रभाव रेखाएँ, (5). मंगल रेखाएँ, (6). यात्रा रेखाएँ, (7). अंतर्ज्ञान-बोध रेखा, (8). विवाह रेखा, (9). शुक्र रेखाएँ-वाया लस्सिवा (10). संतान रेखाएँ, (11). भाई-बहन की रेखाएँ, (12). ताऊ-चाचा और बुआ की रेखाएँ, (13). आकस्मिक रेखाएँ, (14). द्विमुखी रेखाएँ, (15). त्रिशूल, (16). उच्चवर्ती या निम्न व्रती शाखाएँ, (17). गौ पुच्छ, (18). प्रतिच्छेदी रेखाएँ-जाल, (19). मत्स्य रेखा, (20). समान्तर रेखाएँ और (21). ज्ञान-विज्ञान रेखाएँ।
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| MAJOR LINES |
Video link :: https://youtu.be/rQzjkolsIc8 गौंण रेखाएँ :: (19). शनि वलय जातक की तरक्की में बाधक है। (20). सूर्य वलय जातक की समृद्धि,मान-सम्मान में बाधक है। (21). बुध वलय जातक के बौद्धिक क्षमता को काम करता है। (22). शुक्र वलय जातक को गुप्त रोग दिखाता है। वलय किसी भी पर्वत की शक्ति को क्षींण करता है। (23). बुध पर खड़ी रेखाएँ जातक की मितव्यता और ख़ोज आदि को प्रदर्शित करती हैं। (24). रहस्य गुणक चिन्ह जातक का दैवीय सम्बन्ध प्रकट करता है। (25). अँगुलियों पर कड़ी रेखाएँ मित्र-सम्बन्धी। शनि की अँगुली पर द्वितीय पर्व पर खढ़ी रेखाएँ पुत्रों को दर्शाती हैं। (26). अँगुलियों पर पड़ी रेखाएँ शत्रु, प्रतिद्वन्दी। (27). हथेली के सिरे से शुक्र के ऊपर :- सीधे हाथ पर बहन और भाई, लम्बी रेखा भाई, छोटी रेखा बहन, टूटी हुइ रेखाएं मृत भाई-बहन। बाँये हाथ पर चाचा, बूआ। (28). अँगुलियों के नीचे निकलने वाली ये रेखाएँ आकस्मिक मृत्यु मृत्यु को प्रदर्शित करतीं हैं। बुध के नीचे 10-21, सूर्य के नीचे 21-28 से 49, शनि के नीचे 49-56 से 77, बृहस्पति के नीचे 77-84 से 105 वर्ष की आयु। |

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संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)



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