(PALMISTRY ENCYCLOPEDIA संतोष हस्तरेखा विश्वकोष)
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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ॐ गं गणपतये नम:।
अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
गुणातीतं निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]
LINE OF MERCURY-HEALTH :: स्वास्थ्य-बुद्ध रेखा
आयु :: जीवन रेखा बृहस्पति और मङ्गल के बीच में शुरू होकर मणिबंध तक पहुँचे :- जातक की आयु 70 वर्ष होगी।  
जीवन रेखा शुक्र को घेरे :- आयु 90-105 वर्ष होगी, यदि हृदय रेखा बृहस्पति को पार करके  हथेली के दूसरे सिरे पर पहुँचे। 
जीवन रेखा का उदय मङ्गल से :- लम्बी उम्र, विकसित शारीरिक क्षमता और कार्य करने की शक्ति, मगर बबासीर और खून में ख़राबी हो सकती है। 
ऐसी जीवन रेखा जो मङ्गल पर नुदित हो, कटी-फटी न हो, द्वीप रहित हो, लहरदार न हो, पूरे शुक्र को  घेरे, मणिबन्ध तक पहुँचे; बहुत अच्छी होती है।
आयु गणना ::
एक मणिबन्ध :-
 आयु 25 वर्ष, दो मणिबन्ध :- आयु 50 वर्ष, तीन मणिबन्ध :- आयु 75 वर्ष और चार मणिबन्ध :- आयु 100 वर्ष से ज्यादा।
पर्वतों के नीचे से तीखी रेखा हृदय रेखा पर पहुँचे :- बुध के अंत तक- मृत्यु 25 वर्ष की आयु  तक, सूर्य के नीचे अंत तक-मृत्यु 50 वर्ष तक, शनि के अंत तक-मृत्यु 75 वर्ष तक, बृहस्पति ते दूसरे सिरे तक :- मृत्यु 100-105 वर्ष तक। 
जीवन रेखा पूरे शुक्र को घेरे :- आयु 105 वर्ष तक।
जीवन रेखा मणिबंध तक पहुँचे :- आयु 90 तक। 
जीवन रेखा केतु क्षेत्र तक जहाँ बारीक रेखाएँ पर्वतनुमा हों :- 84 वर्ष। हृदय रेखा पर जहाँ सूर्य, भाग्य या बुध रेखा काटती हैं, आयु :- 50 वर्ष। 
मस्तिष्क रेखा पर जहाँ सूर्य, भाग्य या बुध रेखा काटती हैं, आयु :- 35 वर्ष।
हृदय रेखा से आयु गणना :- बुध के नीचे-25 वर्ष, बुध-सूर्य की अंगुली का अंतराल-7 साल, सूर्य की अँगुली तक-50 वर्ष,  सूर्य और शनि की अंगुली का अंतराल-7 साल, शनि की अँगुली तक-75 वर्ष, शनि और बृहस्पति के अंत तक-105 वर्ष। बगैर अंतराल आयु 84 वर्ष, अंतरालों से साथ आयु 105 वर्ष।
प्रेम-स्नेह समबन्ध की आयु मृत्यु :- बृहस्पति तक आयु 21 वर्ष, अंतराल 7 वर्ष, शनि तक  42 वर्ष, अंतराल -7 वर्ष, सूर्य तक- 63 वर्ष अंतराल 7 वर्ष, बुश तक 84 वर्ष, अंतराल 7 वर्ष। किसी निकट सम्बन्धी की मृत्यु द्वीप इंगित करेगा। उदाहरण के लिए यदि द्वीप सूर्य के नीचे है तो समबन्धी की मृत्यु लगभग 55 की आयु में होगी।
अधूरी जीवन रेखा मगर उसके नजदीक सामानांतर भाग्य रेखा :- जातक की उम्र भाग्य रेखा बतायेगी।
आयु रेखा टूट गयी हो, मगर दोनों टुकड़े एक दूसरे के समानांतर हों और मंगल रेखा हो :- जातक सुरक्षित रहेगा।
अगर टूटी हुई जीवन रेखा की सहायक रेखा नहीं है और यह रेखा दोनों हाथों में टूटी हुई है तो जातक के जीवन को खतरा हो सकता है।  

 


 




    
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संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)
skbhardwaj1951@gmail.com

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